क्रिकेट इतिहास में कई खिलाड़ी आय और चले गये। परन्तु कुछ खिलाडियो की ऐसी यादे क्रिकेट के साथ जुड़ जाती है ,जिन्हें भुला पाना बहुत मुश्किल होता है।इन्ही खिलाडियों में से एक थे सौरव गांगुली। उन्हें दादा और महाराज के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक नई राह दिखाने में बहुत अहम भूमिका निभाई थी। सन १९९९ में मैच फिक्सिंग का साया भारतीय क्रिकेट पर पड़ा । जिसके कारण कई अहम खिलाड़ी जैसे अजरुदीन,मोंगिया व् जडेजा को दोषी पाया जाने पर टीम से बाहर कर दिया गया । ऐसे समय में टीम को एकजुट करने का काम गांगुली ने किया था । टीम को जितना सिखाने वाले भी वही थे ,इसलिय वे भारत के सबसे सफल कप्तान में सबसे ऊपर थे । आज भी क्रिकेट इतिहास में उन लम्हों को याद किया जाता है जब गांगुली ने चैम्पियन ट्राफी में टी -शर्ट गुमाई थी।